बैंक क्या है ?


 परिचय :- 

"बैंक" शब्द इटली के बैंको से लिया गया है | विश्वस्तर पर प्रथम बैंक इटली के जेनेवा में 1406 में स्थापित किया गया था, जिसका नाम "बैंको दि सैन जिऑर्जियो" - सेंट जार्ज बैंक था |

भारत में पहला बैंक "बैंक ऑफ़ हिंदुस्तान" था, जिसकी स्थापना अलेक्जेंडर एंड कंपनी के द्वारा 1770 में कलकत्ता में किया गया | भारत में बैंकिंग व्यवस्था की शुरुआत देशी बैंकरों तथा महाजनों से हुई|

 वहीं क्राउथर के अनुसार आधुनिक बैंको का पूर्वज सुनार तथा सुनारों को कहा गया | वे कहते हैं कि इन लोगों के पास मूल्यवान वस्तुएँ होती थी, जिसकी सुरक्षा हेतु उन्होंने कड़ी व्यवस्था की थी और जनता भी अपनी मूल्यवान वस्तुएं उन्हीं के पास रखती थी जिसके बदले में वे कुछ निर्धारित शुल्क लिया करते थे | यही से बैंकिंग व्यवस्था की शुरुआत हुई जो आधुनिक बैंकिंग व्यवस्था के रूप में प्रदर्शित है |

                                                     -:  परिभाषा :-

 बैंक की परिभाषाएं सभी विद्वानों और संस्थाओं ने अपने-अपने हिसाब से अलग-अलग दिया है | जिनमें से कुछ परिभाषाएं निम्न हैं -
  • भारतीय बैंकिंग नियमन अधिनियम 1949 :- " बैंकिंग से तात्पर्य ऋण देने अथवा विनियोग के आशय से जनता से जमाएँ प्राप्त करना है जो कि मांग पर भुगतान योग्य होती है तथा चेक, ड्राफ्ट अथवा अन्य प्रकार की आज्ञा पर शोधनीय होती है |" 
  •  सेयर्स :- " बैंक वह संस्था है, जिसके ऋणों को दूसरे व्यक्तियों के पारस्परिक भुगतान में विस्तृत मान्यता प्राप्त है |"
उचित परिभाषा :- बैंक वह वित्तीय संस्था है, जो मुद्रा तथा साखपत्रों के विनिमय का व्यवसाय करने के साथ-साथ साख सृजन का कार्य करती है |"

                                -: बैंको की आवश्यकता :-

  • बैंक धन, मूल्यवान वस्तुओं और साख-पत्रों को सुरक्षा प्रदान करते हैं | 
  • बैंक आवश्यकता पड़ने पर ऋण देते हैं | 
  •  बैंक पूँजी के निवेश की जानकारी देते हैं | 
  • बैंक मुद्रा-स्फीति को नियंत्रित करने में सहायक हैं | 
  • बैंक सरकार की नीतियों के संचालन में सहायक का कार्य करते हैं | 
  • बैंक मौद्रिक-नीतियों का निर्माण करते हैं | 
  • बैंक रोजगार सृजन का कार्य करते हैं | 
  • बैंक ग्रामीण अर्थव्यवस्था के निर्माण में सहायक हैं |
  • बैंक शिक्षा ऋण से शिक्षा स्तर को सुधारने में सराहनीय कार्य करते हैं |

                                 
निष्कर्ष :- उपरोक्त विवेचन से यह स्पष्ट है कि बैंक प्रत्येक देश, संस्था, फर्म, कंपनी तथा मानव जीवन में बहुत ही अहमियत रखता है | बैंक ही सभी वित्तीय लेन-देन के स्रोत हैं जो देश की अर्थव्यवस्था को समृद्धि के चरम स्तर तक पहुंचाने में सहायक हैं |  

नोट :- इस लेख में केवल बैंक का आधारभूत परिचय तथा परिभाषा का उल्लेख है | कि यह लेख आपके | बैंको के कार्य और प्रकार की चर्चा हम अगले लेख में करेंगे |हमें पूरा विश्वास है  कि यह लेख आपके लिए बहुत ही उपयोगी होगा |


Thank you.