कर की परिभाषा

 


 

परिचय :-


किसी भी राष्ट्र में सरकार का प्रथम उत्तर दायित्व होता है, कि वह राष्ट्र के सामाजिक कल्याण पर विचार करें तथा राष्ट्र की बढ़ती हुई जरूरतों को पूरा करें पूरा करे |


      यदि भारत की बात की जाए तो विकासशील देश है, सीमित संसाधनों के होने तथा राष्ट्र में प्राथमिक जरूरतों को पूरा करने हेतु सरकार के द्वारा कर लगाना सरकार की प्राथमिक आय के स्रोतों में शामिल है | जिससे प्राप्त राजस्व से सरकार सामाजिक आर्थिक असमानताओं को दूर करने का प्रयास करती है और अंततः देश का विकास होता है |


परिभाषा :-


देश की आर्थिक सामाजिक कल्याण हेतु सरकार के द्वारा देश की जनता व्यवसाय तथा संपत्ति आदि पर डाला जाने वाला धन संबंधी दबाव "कर" कहलाता है | कर का निर्धारण सरकार के द्वारा आयकर कानून के संदर्भ में किया जाता है | कर भरना हर उस व्यक्ति के लिए अनिवार्य है जो कानून के दायरे में आता है | अतः कर ऐच्छिक है |

अन्य शब्दों में -


समाज में आर्थिक आवश्यकताओं को देखते हुए जीवन यापन का लागत "कर" कहलाता है | जो सरकार के द्वारा लगाया जाता है |

सामाजिक कल्याण हेतु सरकार के द्वारा आयकर कानून के अंतर्गत धन की जबरन वसूली कर है |

कर के प्रकार :-

1. प्रत्यक्ष कर
2. अप्रत्यक्ष कर


प्रत्यक्ष कर - जब कर किसी, व्यक्ति, संस्था, फर्म, कम्पनी आदि पर प्रत्यक्ष रूप से उसकी आय पर लगता है, तो उसे कर कहा जाता है |
प्रत्यक्ष कर की खास बात ये है, कि इसे किसी भी दशा में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति पर नहीं डाला जा सकता |


जैसे - आयकर

अप्रत्यक्ष कर - अप्रत्यक्ष कर वह कर है जो वस्तुओं एवम सेवाओं के मूल्य पर अप्रत्यक्ष रूप से लगता है |
अप्रत्यक्ष कर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति पर डाला जा सकता है |

जैसे - वस्तु एवम सेवा कर, सीमा कर आदि | 

 

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