विकास-बैंक, जो कि अपने नाम से ही विदित है, कि इस बैंक की स्थापना का मुख्य उद्देश्य देश के विकास कार्यों में अपनी सहभागिता स्थापित करना है |
"विकास-बैंक वे बैंक हैं, जो देश के औद्योगिक क्षेत्र को आधारभूत मौद्रिक सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से स्थापित किये गए हैं |" विकास-बैंक सार्वजानिक तथा व्यक्तिगत, दोनों प्रकार के औद्योगिक क्षेत्रों को वित्तीय सलाह उपलब्ध कराते हैं | जिससे देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो |
विकास-बैंकों की स्थापना के उद्देश्य :-
विकास-बैंकों की स्थापना के मुख्य उद्देश्य निम्न हैं |
1. औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना |
2. देश के पिछड़े क्षेत्रों के विकास में वित्तीय सहायता देना |
3. देश में रोजगार की सम्भावनाएँ स्थापित करना |
4. निर्यात को बढ़ावा देना तथा आयात पर नियंत्रण करना |
5. स्टार्ट-अप को बढ़ावा देना |
6. रुग्ण व्यावसायिक इकाइयों को ऋण देना |
7. देश में पूंजी बाजार की स्थिति को सुदृढ़ करना |
8. क्षेत्रीय असमानता तथा असंतुलन को विकास के द्वारा समाप्त करना |
नोट :- उपरोक्त उद्देश्यों को ही विकास-बैंक के कार्यों के रूप में जाना जा सकता है |
भारत में विकास बैंक :-
किसी भी व्यवसायी के कार्यशील पूंजी की आवश्यकता व्यापारिक बैंकों, सहकारी बैंको तथा देशी बैंकरों या महाजनों के द्वारा की जाती थी | ये संस्थाएं ही मुद्रा -बाजार में उद्यमियों को अल्पकालीन ऋण उपलब्ध कराया करते थे | जिससे बड़े-बड़े उद्योगपतियों को तथा मध्यमवर्गीय व्यवसायियों को दीर्घकालीन ऋण नहीं मिल पाता था | इसी कमी को दूर करने हेतु भारत में विकास बैंकों की नींव राखी गयी | जिसका काम विशेष रूप से विभिन्न क्षेत्र के उद्यमियों को दीर्घकालीन ऋण उपलब्ध कराना था |
वर्तमान समय में ये बैंक निम्न हैं |
1. I.C.I.C.I. BANK
2. I.D.B.I. BANK
3. H.D.F.C. BANK
4. AXIS BANK
5. S.I.D.B.I. BANK
विकास-बैंकों का वर्गीकरण :-
विकास बैंकों में वे सभी बैंक शामिल हैं, जो किसी भी प्रकार के विकास कार्यों में अपनी सहभागिता स्थापित करते हैं | इनका एकमात्र उद्देश्य विकास को बढ़वा देना होता है | ये बैंक विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सहभागिता स्थापित करते रहते हैं | वे क्षेत्र निम्न हैं तथा वे बैंक भी निम्न हैं |
1. औद्योगिक क्षेत्र :- औद्योगिक क्षेत्र के समुचित विकास हेतु भारत सरकार तथा रिज़र्व बैंक के नेतृत्व में दो स्तर पर विकास बैंक स्थापित किये गए है | वे दोनों स्तर निम्न हैं |
(a) राष्ट्रीय स्तर पर :-
👉 भारतीय औद्योगिक विकास बैंक
👉 भारतीय औद्योगिक वित्त निगम
👉भारतीय औद्योगिक साख एवं विनियोग निगम
👉भारतीय लघु उद्योग निगम
(b) राज्य स्तर पर :-
👉राज्य वित्त निगम
👉 राज्य औद्योगिक विकास निगम
2. निवेश क्षेत्र :- निवेश क्षेत्र को प्रोत्साहित करने हेतु निम्न प्रकार के बैंक स्थापित किये गए |
👉 भारतीय इकाई विन्यास
👉 भारतीय जीवन बीमा निगम
👉सामान्य बीमा निगम
3. विदेश-क्षेत्र
👉 आयात-निर्यात बैंक
4. कृषि क्षेत्र
👉 नाबार्ड
निष्कर्ष :- विकास बैंकों का भारतीय अर्थव्यवस्था के विनिर्माण में बहुआयामी योगदान है | विकास-बैंकों के द्वारा औद्योगिक, कृषि, आयात-निर्यात तथा निवेश क्षेत्र को उच्च शिखर पर पहुँचाया गया, जिससे देश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है |
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